भारत में  गुरु पूर्णिमा के दिन लोग अपने  गुरु की पूजा-अर्चना करते हैं।

 हिन्दू धर्म के अनुशार इस दिन महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था

इसीलिए इसे व्यास पूर्णिमा भी कहते है। इस दिन गुरु को वस्त्र, पुष्प आदि भेंट करते हैं।

गुरु जी आपकी कृपा से हुआ हमारा उद्धार हम बने जो आज है ये है आपका उपकार जीवन में सदा बनाए रखना अपना प्यार

गूरू को पारस मान कर शिष्य करे नित वंदन, खरा सोना बन जाए वो, ज्ञान से महके तन-मन

गुरु गोबिन्द दोउ खड़े काके लागूं पाएं बलिहारी गुरु आपने गोबिन्द दियो बताय

विद्यालय है मंदिर मेरा, गुरु मेरे भगवान् हैं हमारे हृदय में नित उनके लिए सम्मान है

विद्यालय है मंदिर मेरा, गुरु मेरे भगवान् हैं हमारे हृदय में नित उनके लिए सम्मान है

शांति का पढ़ाया पाठ, अज्ञानता का मिटाया अंधकार गुरु ने सिखाया हमें, नफरत पर बड़ी विजय है प्यार